मेरी हिंदी उन्हें काफी अच्छी लगी थी, मुंबई की आम बोलचाल हिंदी की अपेक्षा गृहस्वामी बोले-तुम पढ़ाई क्... मेरी हिंदी उन्हें काफी अच्छी लगी थी, मुंबई की आम बोलचाल हिंदी की अपेक्षा गृहस्वा...
इस कोरोना ने हमें अपनी जड़ों से जुड़ने का एक मौका दिया है। इस कोरोना ने हमें अपनी जड़ों से जुड़ने का एक मौका दिया है।
दरअसल मुझे कल लग रहा था की मेरे सामने रिश्तों का कत्ल हो रहा हो! दरअसल मुझे कल लग रहा था की मेरे सामने रिश्तों का कत्ल हो रहा हो!
चालीस पार की महिलाओं के साथ ऐसा ही होता है। बच्चे आधे बड़े हो चुके होते हैं चालीस पार की महिलाओं के साथ ऐसा ही होता है। बच्चे आधे बड़े हो चुके होते हैं
लिव इन रिलेशनशिप की अनोखी दास्तान... लिव इन रिलेशनशिप की अनोखी दास्तान...
नहीं अब कमजोर नहीं हूँ मैं।तुम्हारी जरूरत नहीं है मुझे मैंने तो उसी दिन तुम्हारे साथ जु नहीं अब कमजोर नहीं हूँ मैं।तुम्हारी जरूरत नहीं है मुझे मैंने तो उसी दिन तुम्हारे...